उत्तरकाशी के बलीगढ़ क्षेत्र बादल फटने से भारी तबाही, 9 मजदूर लापता

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न्यूज निरपेक्ष, उत्तरकाशी। उत्तराखंड में मानसून सक्रिय होने के बाद भारी बारिश का दौर जारी है। उत्तरकाशी के बलीगढ़ इलाके में शनिवार देर रात बादल फटने से एक निर्माणाधीन होटल ध्वस्त हो गया। इस घटना में वहां टैंट बनाकर रह रहे 9 मजदूर लापता हो गए हैं।
बादल फटने की घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। भारी बारिश व भूस्खलन से बरकोट और यमुनोत्री मार्ग बाधित हो गया। बादल फटने के बाद पूरे क्षेत्र में हर तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। पहाड़ी का बड़ा हिस्सा खिसक गया है और हर चीज मलबे में दबी दिख रही है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। लापता मजदूरों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बलीगढ़ में बादल फटने से निर्माणाधीन होटल साइट को भारी नुकसान पहुंचा है। निर्माणाधीन होटल साइट पर काम कर रहे 8-9 मजदूर लापता हैं। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी सिलाई बैंड के पास 2-3 स्थानों पर बाधित हो गया है। उन्होंने बताया कि कुथनौर क्षेत्र में भी बादल फटने और भारी वर्षा के कारण स्थानीय ग्रामीणों की कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है।

यमुना नदी में बनने लगी है झील
बादल फटने से यमुनोत्री हाईवे पर स्थित स्याना चट्टी के पास कुपड़ा कुनसाला मोटर मार्ग पर पुल के पास ऊपर से भारी मलबा बोल्डर आने से यमुना नदी का बहाव थम गया है और यहां झील बनने लगी है। यहां स्थानीय लोगों के साथ ही साथ यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों में दहशत है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां होटल की सीढ़ी तक पानी पहुंच गया है।

एनएच की टीम सड़क खोलने में जुटी
बादल फटने के बाद से यमुनोत्री हाईवे सिलाई बैंड समेत कई जगहों पर बंद है। एनएच की टीम रास्ता खोलने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। उधर ओजरी के पास भी सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई है। खेतों में मलबा भर गया है। स्यानाचट्टी में भी कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में आ गया है।

प्चारदेश सरकार ने रधाम यात्रा रोकी
उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए रोक दिया है। गढ़वाल के पुलिस आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके कारण बद्रीनाथ, पांडुकेश्वर, चमोली, जोशीमठ और कर्णप्रयाग में सभी यात्रियों को रोक लिया गया है। यात्रियों के जोशीमठ से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। भूस्खलन की वजह से जगह-जगह यात्री फंसे हैं।