न्यूज निरपेक्ष, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अपने आवास स्थित मुख्य सेवक सदन देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा आयोजित तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य’ को फ्लैग ऑफ किया।
मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ के जवानों को पर्वतारोहण अभियान के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा निश्चित ही हमारे जवान इस अभियान में सफल होंगे एवं इस ट्रैक पर आने वाले अन्य पर्वतारोहियों को भी मार्गदर्शन देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा विभिन्न क्षेत्रों में साहसिक गतिविधियों और खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। डीजी एनडीआरएफ पीयूष आनंद ने बताया कि ट्रैकिंग का यह अभियान उच्च हिमालय क्षेत्रों में रेस्क्यू करने में भी सहायक होगा। उन्होंने कहा जब भी राज्य को एनडीआरएफ की आवश्कता पड़ती है, हम हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा टाइम ऑफ रेस्पॉन्ड को भी कम किया जा रहा है। इस अभियान में 44 सदस्यों का दल देहरादून, उत्तरकाशी, गंगोत्री, चिरबासा, भोजवासा, तपोवन तथा कीर्ति ग्लेशियर होते हुए लगभग 6,832 मीटर ऊंची ‘केदार डोमश’ चोटी को फतह करने के लिए जा रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण ट्रैक में दुर्गम पर्वतीय रास्ते और हिमनद हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहेला, सचिव विनोद सुमन मौजूद रहे।
युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं एनडीआरएफ के जवान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, राज्य में ऐंगलिंग, साइक्लिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी अनेक साहसिक गतिविधियों को प्रोत्साहित दे रही है। राज्य में प्रतिवर्ष टिहरी वाटर स्पोर्ट्स , नयार महोत्सव जैसी अनेकों प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा एनडीआरएफ के जवान आपदा प्रबंधन में अपनी सेवाएँ देने के साथ साहसिक गतिविधियों में भाग लेकर अपने कौशल का विस्तार और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य में आने वाली हर आपदा में एन.डी.आर.एफ के जवान ग्राउंड जीरो पर रहते हैं।
राज्य में आपदा प्रबंधन की मजबूती की दिशा में हो रहे हैं अनेक काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन की मजबूती के लिए निरंतर कार्य कर रही है। आपदा प्रबंधन को आवश्यक संसाधनों, अत्याधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीक से जोड़ा जा रहा है। जवानों को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की भी स्थापना की जा रही है। एसडीआरएफ और पुणे की इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के बीच समझौता किया गया है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने उत्तराखंड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एंड रेसीलियेंट प्रोजेक्ट योजना को मंजूरी दी है। जिसके अंतर्गत लगभग 1480 करोड़ रुपए की राशि आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के लिए स्वीकृत की गई है।
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