उद्योग संघों, पर्यटन व्यवसायियों व व्यापार संगठनों ने 16वें 16 वें वित्त आयोग की टीम के समक्ष रखे सुझाव
भारत के 16 वें वित्त आयोग ने नैनीताल के नमः होटल में पर्यटन व्यवसायियों, उद्योग संघों और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोजित बैठक में राज्य में आर्थिक विकास की चुनौतियों और संभावनाओं पर चर्चा की गई।
इस मौके पर होटल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के वेद प्रकाश साह ने मसूरी और नैनीताल को स्मार्ट और सतत हिल स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए समग्र मास्टर प्लान तैयार करने की सिफारिश की, जिसमें वर्षा जल संचयन, ठोस कचरा प्रबंधन, केबल कार जैसे पर्यावरण-अनुकूल परिवहन साधनों और पीपीपी मोड में पार्किंग जैसी सुविधाओं को शामिल करने का सुझाव दिया।साथ ही, इन हिल स्टेशनों के इर्द-गिर्द पर्यटन सर्किट विकसित करने का भी सुझाव दिया गया। उन्होंने स्थानीय वनस्पति और जीव-जंतुओं के संरक्षण पर भी बल दिया। नैनीताल होटल एसोसिएशन के दिग्विजय सिंह बिष्ट ने सड़क, रेल और हवाई संपर्क को बेहतर बनाने पर जोर दिया। कहा कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए टू-लेन सड़कों का निर्माण जरूरी है। उन्होंने उत्तराखंड की झीलों और प्राकृतिक स्थलों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि आवंटित करने का प्रस्ताव रखा।
एस्ट्रो-टूरिज्म क्षेत्र के राम आशीष राय ने उत्तराखंड में “नक्षत्र सभा” की सफलता का उल्लेख करते हुए भूतिया गांवों और दूरदराज क्षेत्रों को “डार्क नाइट” जोनों के रूप में संरक्षित करने का सुझाव दिया।
ट्रेक द हिमालयास के राकेश पंत ने रोमांचक पर्यटन को बढ़ावा देने व ओम कल्याण ग्रुप के सचिन त्यागी ने वैलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मोड में कौशल विकास अकादमी की स्थापना का सुझाव दिया।
टिहरी क्रूज के विजय सिंह बिष्ट ने पलायन रोकने में पर्यटन की भूमिका को रेखांकित किया और झीलों में क्रूज़ पर्यटन, पर्यटक स्थलों तक बाईपास रोड और दिल्ली से दूरस्थ क्षेत्रों तक रेलवे कनेक्टिविटी की मांग रखी। उद्योग के प्रतिनिधि ने टैक्स हॉलिडे और संतुलित औद्योगिक विकास की आवश्यकता बताई। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि पंकज गुप्ता ने ब्लॉक स्तर पर कौशल संस्थानों की स्थापना की सिफारिश की। कुमाऊं गढ़वाल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि अशोक बंसल ने राज्य में औद्योगीकरण की पुरानी सब्सिडी योजनाओं की बहाली, कर छूट और 5 हजार करोड़ रुपये के विशेष औद्योगिक फंड की मांग की। सीआईआई के हर्षित गुप्ता ने नये औद्योगिक क्षेत्रों, विशेष आर्थिक क्षेत्र की पहुंच में विस्तार और आपदा प्रबंधन नीति में एमएसएमई को शामिल करने की सिफारिश की। वहीं लघु उद्योग भारती के राहुल देवदंड ने “ग्रीन बोनस”, बजट में “हिल इंडेक्स” और पहाड़ी राज्यों के लिए एक अलग मंत्रालय की मांग की। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रतिनिधि, नवीन वर्मा ने हिमालय के संरक्षण हेतु विशेष आर्थिक पैकेज की आवश्यकता पर बल दिया।
वित्त आयोग के अध्यक्ष ने सभी का सुझावों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आयोग 31 अक्टूबर25 तक अपनी रिपोर्ट केन्दऱ सरकार को सौंपेगा। कहा कि वित्त के वितरण में उत्तराखंड जैसे राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाएगा। बैठक में सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत,अपर सचिव सोनिका, जिलाधिकारी नैनीताल वंदना,अपर सचिव हिमांशु खुराना, मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल अनामिका सहित पर्यटन एवं उद्योग व्यापार मंडल के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक का संचालन महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन व अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद ने किया।
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