जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव प्रकरणः हाईकोर्ट ने एसएसपी को फटकारा, कहा-कहां भी आपकी पुलिस फोर्स

खबर शेयर करें 👉

डीएम व एसएसपी को मामले में अब तक हुई कार्यवाही का विवरण शपथपत्र के रूप में पेश करने का आदेश

कोर्ट ने अपह्रत बताए गए सदस्यों को सुनने से किया इनकार, कहा- ये पहले ही कोर्ट को कर रहे गुमराह

एसएसपी ने अपहरण करने के आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लेने की बात कही

मतदान को लेकर कोर्ट ने नहीं सुनाया कोई फैसला, मामले पर अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी

न्यूज निरपेक्ष, नैनीताल। हाईकोर्ट में सोमवार को नैनीताल के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव और पांच सदस्यों के कथित अपहरण मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने प्रकरण पर सख्त रुख अपनाते हुए नैनीताल के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अब तक इस मामले में हुई सभी कार्यवाहियों का विवरण एक शपथपत्र (एफिडेविट) के रूप में कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसएसपी ने कोर्ट से कहा कि अपहरण से जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ्तारी 24 घंटे के भीतर कर ली जाएगी। फिलहाल कोर्ट की खंडपीठ ने मतदान को लेकर कोई निर्णय नहीं सुनाया। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 19 अगस्त को होगी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ कर रही है।
हाईकोर्ट ने जिला पंचायत के उन पांचों सदस्यों की बात सुनने से साफ इनकार कर दिया जिनके अपहरण का आरोप लगा है। कोर्ट ने कहा कि ये सदस्य पहले ही कोर्ट को गुमराह कर चुके हैं, इसलिए उनकी व्यक्तिगत दलीलें नहीं सुनी जाएंगी।
हाईकोर्ट ने फिलहाल री-पोल (दुबारा चुनाव) को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से भी इंकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस समय केवल चुनाव के दिन हुई घटनाओं से जुड़े मुद्दों पर ही सुनवाई कर रही है और इसी बिंदु पर स्वतः संज्ञान लिया गया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब आरोपी भाजपा नेताओं और कथित अपहरणकर्ताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। एसएसपी नैनीताल ने खुद कोर्ट में 24 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन दिया है। सुनवाई के दौरान सोमवार को कोर्ट का रुख बेहद सख्त देखने को मिला। मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा को कड़ी फटकार लगाते हुए कई तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल सिर्फ पर्यटक स्थल नहीं है, यहां हाईकोर्ट भी है। हाईकोर्ट में पेश वायरल वीडियो पर जवाब देते हुए एसएसपी ने उसका बचाव करने की कोशिश की, जिस पर कोर्ट ने पूछा, “क्या हम अंधे हैं?” कोर्ट ने तीखे लहजे में सवाल किया, “आपकी पुलिस फोर्स कहां थी? और शहर में हिस्ट्रीशीटर क्या कर रहे थे?” कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपराधियों का जबरन बचाव कर रहे हैं। चीफ जस्टिस ने सरकारी वकील से कहा, “सरकार से कहिए कि एसएसपी का ट्रांसफर कर दिया जाए।

Ad