‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम का प्रतीकः राज्यपाल
पूर्व सैनिक अपने अनुभवों से समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में करें सहयोग करेंः राज्यपाल
न्यूज निरपेक्ष, नैनीताल। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन नैनीताल में सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ‘एक शाम सैनिकों के नाम’ कार्यक्रम में शिरकत करते हुए वीरता पदक विजेताओं और सराहनीय कार्य करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में अर्धसैनिक बल के जवानों और अधिकारियों को भी राज्यपाल द्वारा प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है, जिसे ‘देवभूमि’ के साथ-साथ ‘वीरभूमि’ भी कहा जाता है। यहां अनेक वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का भारतीय सेनाओं में योगदान लगभग 18 प्रतिशत है, जो दर्शाता है कि यह राज्य वास्तव में देश की रक्षा की मजबूत रीढ़ है। देश पर बलिदान होने वाले हर पाँचवें सैनिक का उत्तराखण्ड से होना, यह कोई संयोग नहीं, बल्कि इस राज्य की रगों में दौड़ता राष्ट्र प्रेम है।
राज्यपाल ने हाल ही में संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता, तकनीकी दक्षता और अदम्य साहस की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि भारत अब नई युद्ध प्रणालियों और आधुनिक तकनीकों के साथ पूरी तरह सजग और सक्षम है। उन्होंने कहा कि हमें अभी इन सभी चुनौमियों के लिए तैयार रहना होगा। पूर्व सैनिकों की भूमिका की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनकी सेवा केवल वर्दी तक सीमित नहीं है। समाज में वे आज भी अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति के प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि देश के पुनर्निर्माण में उनका योगदान अनमोल है और युवाओं के लिए मार्गदर्शक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि उत्तराखण्ड केवल पहाड़ों की धरती नहीं, यह देश की रक्षा करने वाले वीरों की भूमि है, जहाँ हमारे जवानों ने हमेशा अद्वितीय साहस का परिचय दिया है। आज जब इतने अलंकृत वीर सैनिक एक साथ एक मंच पर उपस्थित है, तो यह केवल सम्मान का अवसर नहीं, बल्कि प्रेरणा का सशक्त प्रतीक बन जाता है।
कार्यक्रम में मौजूद सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सैन्य कल्याण विभाग द्वारा दी जा रही योजनाओं की जानकारी दी और उपस्थित गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया। सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में कलाकारों ने देशभक्ति गीतों से उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, जीओसी उत्तर भारत एरिया लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा, लेफ्टिनेंट जनरल जीएस बिष्ट, लेफ्टिनेंट जनरल जीएस कटोच, एयर मार्शल केडी सिंह, एसएसपी पीएन मीणा, कुलपति कुमाऊं विवि प्रो दीवान सिंह रावत, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल सहित बड़ी संख्या में वीर सैनिक, पूर्व सैनिक, उनके परिवारजन, सैन्य अधिकारीगण, एवं विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे।
सम्मानित होने वाले सेवारत और भूतपूर्व सैनिक-
11 राष्ट्रीय राइफल्स के कमान अधिकारी कर्नल शीशपाल सिंह, 5वीं गोरखा रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर सिंह कालाकोटी, पैरा रेजीमेंट के ले0 कर्नल नीतीश त्यागी, ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट के ले0 कर्नल खीम सिंह, 666 आर्मी एवीएन एसक्यूएन (आरओ) रेजीमेंट के ले0 कर्नल मोहित रावत, 14 डोगरा रेजीमेंट के मेजर सौरव सिंह, 3 पैरा रेजीमेंट के मेजर अरविंद चंद, 1 लद्दाख स्काउट के मेजर प्रसून पांडे, 19 बीएन मद्रास मेजीमेंट के मेजर राजेश सिंह, 4 गढ़वाल राइफल्स के सुबेदार ललित मोहन सिंह (रि.), 9 पैरा (एसएफ) रेजीमेंट के हवलदार जोगेंद्र सिंह, 9 पैरा रेजीमेंट के लॉन्स नायक संजय बिष्ट (मरणोपरांत) के साथ ही सामाजिक कार्यों के माध्यम से सराहनीय कार्य करने वाले ऑनरेरी सूबेदार मेजर खड़क सिंह कार्की (से.नि.), नायक जगदीश चन्द्र जोशी (से.नि.) को सम्मानित किया।
सम्मानित होने वाले अर्धसैनिक बलों के जवान-
एसएसबी के हेड कांस्टेबल मंजीत, कांस्टेबल श्याम सिंह मेर और कांस्टेबल संदीप कुमार के अलावा आईटीबीपी के कांस्टेबल मनीषा और कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 7वीं बटालियन असम रेजीमेंट और 418 फील्ड कंपनी इंजीनियर्स को भी उनके सराहनीय योगदान के लिए यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया।
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