न्यूज निरपेक्ष, रामनगर। भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को लागू हुए अब सात साल से अधिक हो चुका है। इस दौरान जीएसटी प्रणाली में समय-समय पर सुधार किए गए हैं। इन्हीं सुधारों की कड़ी में अब “GST 2.0” की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसको लेकर राज्य कर विभाग, रामनगर द्वारा छोई (रामनगर) में आगामी 4 अक्टूबर को विशेष परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन चंद्र पांडे व संयुक्त सचिव अधिवक्ता मनु अग्रवाल ने परिचर्चा की जानकारी देते हुए बताया कि GST 2.0 को वर्तमान जीएसटी व्यवस्था का एक परिष्कृत और उन्नत संस्करण माना जा रहा है। इसमें टैक्स फाइलिंग को और अधिक स्वचालित, त्रुटिरहित तथा उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में कई बदलाव प्रस्तावित हैं।
इन बिंदुओं पर केन्द्रित किया गया है ध्यानः
रिटर्न फाइलिंग में सरलता: पुराने GSTR-1, GSTR-3B आदि के स्थान पर अधिक सहज और ऑटो-पॉप्युलेटेड रिटर्न फॉर्म्स।
आईटीसी प्रणाली में पारदर्शिता: इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की प्रणाली को और अधिक स्वचालित और डेटा-संचालित बनाया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइसिंग का विस्तार: B2B से लेकर B2C तक, ई-इनवॉइस प्रणाली को अधिक व्यापक रूप से लागू किया जाएगा।
AI आधारित निगरानी: डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कर चोरी पर सख्त निगरानी।
इन सभी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी और व्यावहारिक परिप्रेक्ष्य इस प्रस्तावित परिचर्चा के माध्यम से करदाताओं, कर सलाहकारों और अधिवक्ताओं को प्रदान की जाएगी।
इन विषयों पर रहेगा विशेष फोकसः
GST 2.0 के प्रमुख प्रावधान, नए रिटर्न फॉर्म्स की जानकारी, तकनीकी बदलावों का असर, इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ी नई शर्तें इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइसिंग से जुड़े दिशा-निर्देश, कर विवादों का समाधान और अपील की प्रक्रिया, राज्य कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और अनुभवी कर अधिवक्ताओं की मौजूदगी में यह परिचर्चा आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम का आयोजन रामनगर स्थित राज्य कर विभाग द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में विभाग के अधिकारी न केवल GST 2.0 से जुड़े तकनीकी और कानूनी पहलुओं की जानकारी देंगे, बल्कि यह भी स्पष्ट करेंगे कि करदाताओं को नई व्यवस्था में क्या तैयारी करनी चाहिए। इसके अलावा विभागीय अधिकारी यह भी बताएंगे कि GST 2.0 लागू होने के बाद कैसे कार्यप्रणाली बदलेगी, और कैसे इसकी मदद से कर अनुपालन को सुगम व व्यावसायिक दृष्टि से अधिक अनुकूल बनाया जा सकता है।
शंकाओं का समाधान होगा मुख्य आकर्षणः
परिचर्चा का सबसे अहम भाग करदाताओं और पेशेवरों की शंकाओं का समाधान होगा। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी अपने प्रश्न सीधे कर अधिकारियों व अधिवक्ताओं के समक्ष रख सकेंगे और उन्हें व्यावहारिक समाधान प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त कुछ प्रतिनिधि मामलों का प्रस्तुतीकरण भी किया जाएगा, जिनके माध्यम से नई प्रणाली के लाभ और चुनौतियों को समझाया जाएगा। व्यापारी वर्ग को GST 2.0 से कई उम्मीदें हैं। इनमें कर अनुपालन की लागत में कमी, रिफंड प्रक्रिया में तेजी, झूठे आईटीसी क्लेम पर सख्ती से निगरानी, एकीकृत टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म की जानकारी दी जाएगी। टैक्स बार एसोसिएशन ने सभी कर सलाहकारों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और व्यापारियों से अपील की है कि वे इस 4 अक्टूबर को इस निशुल्क कार्यक्रम में अवश्य भाग लें।

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