नोएडा। ग्रेटर नोएडा में ऊंची दनकौर गांव में रहने वाले युवक के कोटक महिंद्र बैंक अकाउंट में अचानक खरबों रुपये आने का मामला सामने आया है। हालांकि, अकाउंट होल्डर युवक का दावा है कि जब उसने बैंक से इस बारे जानकारी लेनी चाही तो बैंक ने उसे अकाउंट फ्रीज होने की बात बताई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही आयकर विभाग को सूचित कर दिया गया है। धनराशि कितनी अधिक है, इसको इस बात से समझा जा सकता है कि उक्त धनराशि 37 अंकों में है।
जानकारी के अनुसार ऊंची दनकौर गांव में रहने वाला दीपक उर्फ दीपू बेरोजगार है। उसकी मां गायत्री की दो महीने पहले मौत हो गई थी। पिता कैलाश का भी कई साल पहले निधन हो चुका है। बताया जा रहा है कि शनिवार को उसके कोटक महिन्द्रा बैंक के खाते में खरबों रुपये जमा होने का मैसेज उसके मोबाइल पर आया। वह सोमवार को अपने खाते से लेनदेन करने के लिए बैंक पहुंचा। दीपक ने जब बैंक अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो बैंक के अधिकारी ने युवक को उसका अकाउंट फ्रीज होने की बात बताई। इस दौरान युवक ने अपने बैंक बैलेंस की जांच की तो अकाउंट में जमा रकम के डिजिट की संख्या देखकर वह चौंक गया। युवक ने पाया कि उसके बैंक खाते में 10,01,35,60,00,00,00,00,00,01,00,23,56,00,00,00,00,299 रुपये हैं। इसके बाद वह संबंधित बैंक की ब्रांच में पहुंचा और रुपये के आने की जानकारी लेनी चाही। उसका कहना है कि बैंककर्मियों द्वारा उसे जानकारी नहीं दी गई। बैंक अधिकारियों ने अकाउंट फ्रीज होने की बात कहकर उसे ब्रांच से टरका दिया। कुछ ही देर में यह खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई और लोग तरह-तरह की बातें करने लगे।
कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि किसी बचत खाते में इतनी बड़ी राशि नहीं आ सकती। मामले की तकनीकी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने युवक को पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया और मामले की सघनता से जानकारी ली। पुलिस अधिकारी इस मामले में संबंधित बैंक से भी पूरी जानकारी ले रहे हैं। पुलिस का कहना है कि बैंक जाकर मामले की जांच की जाएगी। रुपये कहां से आए, बैंक मैनेजर से इसका पता लगाया जाएगा।
आयकर विभाग ने शुरू की जांच
खबर फैलने के बाद युवक को रिश्तेदारों, पड़ोसियों और परिचितों के लगातार फोन आने लगे। इससे घबराकर उसने अपना फोन बंद कर दिया। आयकर विभाग ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है कि इतनी बड़ी रकम उसके खाते में कैसे जमा हुई। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह बैंकिंग त्रुटि थी, तकनीकी गड़बड़ी थी या मनी लॉन्ड्रिंग का मामला था। अधिकारियों ने कहा है कि लेन-देन की विस्तृत जांच के बाद ही धनराशि का सही स्रोत पता चल पाएगा।

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